नई दिल्ली। पत्रकारों के संगठन अखण्ड पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन यानि अपवा के तीन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शील गहलौत ने ये नियुक्तियां की हैं। इससे पहले अपवा के नई दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में संगठन के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष कानपुर निवासी वरिष्ठ पत्रकार डा. ममता सिंह के अस्वस्थ रहने के चलते संगठन का प्रदेश में संचालन प्रभावित हो रहा है। इस समस्या पर विचार-विमर्श के उपरांत सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रयागराज जिले की तेजतर्रार प्रिन्ट व इलेक्ट्रानिक मीडिया की पत्रकार, लेखक व साहित्यकार श्रीमती रूचि दीक्षित को उत्तर प्रदेश का प्रदेशअध्यक्ष मनोनीत किया जाय।
वहीं टीवी चैनल के एंकर व वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर त्रिशूल को राजस्थान प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया। उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर त्रिशूल का विगत पच्चीस वर्षों से पत्रकारिता में श्रेष्ठ एवं सराहनीय योगदान रहा है। वे अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित हुए हैं। साथ ही न्यूज स्क्रीन पर समकालीन विषयों पर सारगर्भित प्राइम टाइम डिबेट का सफल संचालन करते रहे हैं। वे टेलीविजन न्यूज कार्यक्रम ‘सत्ता’ का सफल संचालन करने वाले चन्द्रशेखर त्रिशूल पत्रकारिता जगत के नामी गिरामी शख्सियतों में शुमार हैं।
इसी क्रम में उत्तराखण्ड प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष टीवी चैनल के वरिष्ठ पत्रकार अवनीश कुमार जैन को बनाया गया। उक्त तीनों प्रदेश अध्यक्षों के मनोनयन की घोषणा के बाद अखण्ड पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शील गहलौत ने कहा कि पत्रकारों के संगठन तमाम हैं पर पत्रकारो के हितार्थ आज तक किसी संगठन का निर्णायक स्तर पर कोई भी प्रयास सार्थक नहीं हो सका है। नतीजतन आज चंद पत्रकारों को छोड़ दें तो देश के अस्सी फीसदी से ज्यादा पत्रकार बमुश्किल अपनी दो जून की रोटी चला पा रहे हैं। शासन-प्रशासन अब तक उनकी अनदेखी ही करती रही है।
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उन्होंने कहा कि अपवा पत्रकारों का अपना संगठन है। ‘अपवा’ विगत ढाई वर्ष से उत्तरप्रदेश के साथ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ, झारखण्ड, बिहार, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल और जम्मू एण्ड काश्मीर में कार्य कर रहा है। व्यापक स्तर पर संगठन मजबूत करने के बाद 2022 में आधे हिन्दुस्तान में अपवा का अनिश्चित कालीन आन्दोलन चलेगा।
श्री गहलौत ने आशा व्यक्त करते हुए कहा “वह दिन भी आयेगा जब पत्रकारों की समस्या को सरकार समझेगी और उनके कल्याण की दिशा में कार्य करने के लिये बाध्य भी होगी।” उन्होंने अपवा संगठन के उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहा कि पत्रकार आयोग, पत्रकार सुरक्षा, पत्रकार पेन्शन, पत्रकार मानदेय, पत्रकारिता के दौरान पत्रकार की मृत्यु होने पर सरकार से पचास लाख आर्थिक सहायता के साथ पत्नी को सरकारी नौकरी आदि मुद्दों को लेकर हम संधर्षरत हैं। हमारी एकता व अखण्डता एक दिन रंग लाएगी और हम पत्रकारगणों की ताकत का सरकार को एहसास होगा, जिससे सरकार हमारी मांगों को मानने के लिये विवश होगी।