बिहार:अगस्त में बज सकती है पंचायत चुनाव की डुगडुगी,आयोग ने जिलाधिकारियों के साथ की बैठक

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पटना। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप और ईवीएम के मसलों के कारण बिहार में पंचायत चुनाव नियत समय पर नहीं हो सका था। इसके बाद राज्य सरकार ने पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन करते हुए एक समिति का गठन कर ग्राम पंचायतों और जिला पंचायतों के कामकाज चलाए जाने की व्यवस्था की थी।

वैसे अब चुनाव आयोग की तरफ से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि पंचायतों के चुनाव की डुगडुगी आगामी अगस्त माह में बज सकती है। चुनाव आयोग द्वारा इसकी पहल भी शुरू कर दी गई है।

इसी क्रम में राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य के सभी 38 जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है। बैठक की अध्यक्षता राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने की। बताया जा रहा है कि बैठक में आयोग ने ग्राउंड रियलिटी को समझने की कोशिश तो की ही, साथ ही साथ पंचायत चुनाव को लेकर कुछ निर्देश भी दिए हैं।

मिल रही जानकारी के मुताबिक जिलों के डीएम के साथ बैठक में राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि आगामी अगस्त महीने में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही सभी जिलों में पंचायत चुनाव को लेकर कोषांगों के गठन का निर्देश दे दिया गया है। इसके अलावा सभी जिलों को उनके लिए आवंटित किए गए ईवीएम को दूसरे राज्यों से लाने के लिए पदाधिकारियों का नाम देने का निर्देश भी दिया गया है। जिलों के डीएम को कहा गया है कि वे अपने यहां ईवीएम को रखने की व्यवस्था दुरुस्त करें।

सूत्रों के अनुसार बिहार में पंचायत चुनाव 10 चरणों में कराए जा सकते हैं। बता दें कि आयोग की तरफ से पंचायत चुनाव संपन्न कराने वाले कर्मियों की सूची पहले से ही तैयार रखी गई है।

उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों और जिला पंचायतों में परामर्शी समिति का गठन किया है और अभी पंचायती राज व्यवस्था का काम-काज इसी समिति के जरिए चलाया जा रहा है।