पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा, दोहरे हत्याकांड मामले में SC ने सुनाया फैसला

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Bihar News: बिहार के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे और राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार प्रभुनाथ सिंह को साल 1995 में हुए एक दोहरे हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सज़ा हुई है. सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस मामले में सज़ा सुनाई है.

बिहार के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में लगभग 28 साल पहले 1995 में दूसरी पार्टी को वोट देने वाले दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया था.

लोवर कोर्ट और हाईकोर्ट में हुए थे बरी

हालांकि साक्ष्यों के अभाव में प्रभुनाथ सिंह को निचली अदालत और फिर पटना हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था. लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह और बिहार सरकार को को आदेश दिया है कि वह पीड़िता को दस लाख रुपये का मुआवजा दे. अभी प्रभुनाथ सिंह एक दूसरे हत्याकांड के मामले में हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं. 

सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी HC के फैसले को चुनौती 

मृतक के भाई द्वारा गवाहों को धमकाने की शिकायत के बाद इस केस को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया जहां इसका ट्रायल हुआ था. कोर्ट ने सबूतों के आभाव में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था. पटना हाईकोर्ट ने 2012 में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था. इसके बाद मृतक राजेंद्र राय के भाई हरेंद्र ने दोनों फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 

क्या था मामला

बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जदयू और एक बार आरजेडी के टिकट पर सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह पर 1995 में मसरख के एक मतदान केंद्र के पास तब 47 साल के दारोगा राय और 18 साल के राजेंद्र राय की हत्या का आरोप है. आरोप था कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं किया था, इसलिए दोनों की हत्या कर दी गई. 

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