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Climate Change : चिंतनीय, 10 वर्षों से लगातार कम हो रही साल भर होने वाली बारिश, मानसून पर भी पड़ा है असर

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Climate Change : (सेंट्रल डेस्क)। पर्यावरण प्रदूषण (Envirmental Pollution) जलवायु परिवर्तन का भी कारक होता है। हाल फिलहाल जलवायु खतरों (Danger Of Climate Change) का असर देश में होने वाली बारिश पर भी पड़ने लगा है। भले ही कभी कभार अचानक भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हों, लेकिन पूर्णता में देखें तो देश में सालभर होने वाली बारिश (Rain in One Year) में करीब 17 मिमी की कमी दर्ज की गई है। अप्रैल को छोड़कर करीब-करीब हर महीने बारिश कम हो रही है। सबसे ज्यादा कमी पिछले एक दशक में दर्ज की गई है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्यों (North East States) में बारिश घट रही है। जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान में बढ़ोतरी हुई है।

आंकड़ों के आधार पर की गई गणना

देश में सबसे ज्यादा बारिश मानसून के चार महीनों जून-सितंबर के बीच होती है, लेकिन मानसून की बारिश में भी 12 मिमी की कमी रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग ने देश में बारिश को लेकर गुरुवार को जो नये आंकड़े दिए हैं, वह चौंकाने वाले हैं। ये निकट समय में जलवायु संकट की ओर भी इशारा करते हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, 1961-2010 के दौरान देश में वार्षिक औसत बारिश 1176.9 मिमी दर्ज की गई थी। लेकिन अब मौसम विभाग ने 1971-2020 की अवधि के नये आंकड़ों को आधार बनाकर वार्षिक औसत बारिश की गणना की तो इसमें 16.8 मिमी की गिरावट दर्ज की गई है।

अप्रैल को छोड़ हर महीने में दर्ज की गई कमी

देश में होने वाली बारिश को कुल चार हिस्सों में विभाजित किया जाता है। कुल बारिश की 74.8 फीसदी बारिश मानसून के चार महीनों जून-सितंबर में होती है, जो 1961-2010 के बीच हर साल 880.6 मिमी थी लेकिन 1971-2020 के आंकड़ों के अनुसार यह 12 मिमी घटकर 868.6 मिमी रह गई है। इसी प्रकार उपरोक्त अवधि में प्री मानसून बारिश 131.7 मिमी से घटकर 130.7 मिमी, मानसून बाद की बारिश 123.8 मिमी से घटकर 121 मिमी एवं सर्दियों में होने वाली बारिश 40.8 मिमी से घटकर 39.8 मिमी रह गई है। मौसम विभाग की इस रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल को छोड़कर करीब-करीब सभी महीनों में औसत बारिश घटी है। जबकि अप्रैल में यह पूर्व की भांति कायम रही है।

बेहद शुष्क दशक रहा 2011-20 का दशक

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार, 2011-20 का दशक बेहद शुष्क दशक रहा है। इसमें औसत बारिश 3.8 फीसदी घटी है। जबकि 2021-30 के दशक में यह सामान्य बने रहने का अनुमान है। 2031-40 के दशक में बारिश में वृद्धि होगी। महापात्रा के अनुसार, यह एक चक्र में होता है, जो 1971-80 के दशक से ही बिगड़ना शुरू हो गया था।